Sunita gupta

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दिल के फलसफे

ये दिल के #फलसफे 💗

ये हालात, फलसफे जो लिखे जाते  
ये वहीं लिखते जो जिंदगी से गुज़र जाते
जो महसूस करते हैं रूह का सफ़र 
वहीं कागज़ पर स्याही से उतर आतें 

ज़ुबान जब लड़खड़ाने लगती हैं 
आखें खारा पानी बहाती हैं 
बस दिल को मुस्कुराना सिखा देते
और दर्दे दिल कलम से उतार देते

मत समझना इसे तुम कागज़ी 
दिल की गहराइयों से निकले जज़्बात हैं 
ना जाने कितने सालों की दबी आग हैं 
जिसे आज थोड़ी सी हवा मिल गई
बस चिंगारी फिर दहकने लगी
फलक बन आसमां पर लिखने लगी

हर दिल महसूस करे ज़रूरी तो नहीं
रूह कोई छुए जरूरी तो नहीं
खुद को छूने भर का ख़्याल आता हैं 
बस जज्बात उंगलियों पे उतर आता हैं

सुनीता गुप्त

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7 Comments

Pratikhya Priyadarshini

24-Sep-2022 10:23 PM

Bahut khoob 💐👍

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Wahhhh wahhhh बहुत ही सुंदर सृजन

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Swati chourasia

23-Sep-2022 10:04 PM

बहुत ही खूबसूरत रचना 👌👌

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